ANDROID के बारे 9 अनोखे MYTHS जिन पे आप भी विश्वास करते होंगे! | MYTHS ABOUT ANDROID.

दुनिया के 750 करोड़ लोगों में से 600 करोड़ से ज्यादा लोग आज इंटरनेट का इस्तमाल करते है,और अगर इंटरनेट का इस्तमाल करते होंगे तो,उन सभी लोगों के पास स्मार्टफोन नामक वस्तु-मशीन भी होंगी जिनकी मदद से ही हम इंटरनेट का अच्छे तरीके से इस्तमाल कर सकते है.  

स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले दो ही फ़ोन दुनिया में मौजूद है ऐसे हम कह सकते है,जिनमे APPLE कंपनी और GOOGLE कंपनी का सबसे बड़ा हाथ है,जिनमे APPLE कंपनी के स्मार्टफोन IOS (APPLE OPERATING SYSTEM) इस SYSTEM पर और GOOGLE कंपनी के स्मार्टफोन AOS (ANDROID OPERATING SYSTEM) इस OS पर चलता है. 

दुनिया में जितने भी स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोग है,उन में से 75%लोगों के पास एंड्राइड फ़ोन होंगे और 20% लोगों के पास APPLE के फ़ोन होंगे.इसी बात से आप समाज सकते है की APPLE के IPHONE इतने महंगे होने के बावजूद लोग पसंद करते है.

ANDROID और IOS में अगर आप तुलना करते है,तो बहुत लोगों के ये लगता होगा की, ANDROID से बेहतर और अच्छा IOS है,इसके आलावा आप लोगों के दिमाग में ऐसे बहुत विचार घूमते होंगे जो की गलत है. 

वो MYTHS कोनसे है और वो MYTHS किस प्रकार से गलत है,इसके बारे में हम जानेंगे. 

    1. OVERNIGHT CHARGING 

    आप लोगों में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे की,रात को सोने से पहले या बहुत देर तक अपने फ़ोन को चार्जिंग को रख देते है. 

    हमारे पास कोनसा भी फ़ोन हो उस फ़ोन को पूरा चार्जिंग होने में ज्यादा से ज्यादा 2:30 घंटे का वक्त लगता है,लेकिन बहुत लोग अपने फ़ोन को बहुत देर तक चार्जिंग को रखे रहते है.

    ऐसे में कई लोग सोचते होंगे की हमारे फ़ोन को ज्यादा समय तक चार्जिंग रखने से हमारे फ़ोन के बैटरी को बहुत ज्यादा नुकसान होता होगा,क्योंकि हमारे बैटरी में POWER बार बार भरी जाती है,इससे बैटरी को नुकसान होता होगा. 
    ऐसा सोचने वाले लोग गलत है क्योंकि,आज के दिन स्मार्टफोन के साथ फ़ोन की बैटरी और चार्जर को भी कंपनी के द्वारा स्मार्ट बनाया गया है.

    हमारा फ़ोन चार्जिंग होते वक्त कैसे काम करता है वो में बताता हूँ,जब भी हम फ़ोन चार्जिंग को लगा देते है,तब उसमे पावर भरना शुरू होती है,और ये पावर तब तक भर्ती जाती है,जब तक हमारे फ़ोन की चार्जिंग 100% नहीं हो जाती. 

    जैसे ही 100% चार्जिंग होता है,वैसे ही हमारे फ़ोन में पावर भरना पूरी तरीके से और AUTOMATIC ही बंद हो जाता है,इसी बात से आप जान सकते है की हमारे मोबाइल के बैटरी को किसी भी प्रकार का DAMAGE नहीं होता है.हमारे फ़ोन में लिथियम आयरन वाली बैटरी होती है,जो हमें ज्यादा दिन तक सर्विस दे सकती है. 

    तो जो लोग ऐसा सोचते थे,उनको पता चल गया होगा की किस प्रकार से हमारे फ़ोन में चार्जिंग भरी जाती है,और किस प्रकार से हमारी चार्जर और फ़ोन काम करता है. 

    आप लोगों को चार्जिंग के मामले में एक TIP देना चाहता हु,अपने स्मार्टफोन को ज्यादा समय तक कभी भी चार्जिंग पर मत रखना,हमारे फ़ोन की बैटरी हमेशा 20% से ऊपर ही रखिये क्योंकि अगर जितनी कम बैटरी रहेगी,उतनी ज्यादा हमारे फ़ोन में पावर भरती रहेगी और हमारे बैटरी को कुछ मात्रा में DAMAGE भी हो सकता है.   

    2. IOS IS BETTER THAN ANDROID

    आप लोगों में बहुत लोगों को ये भी लगता होगा की APPLE के जो स्मार्टफोन होते है,वो फोन एंड्राइड के मुकाबले बहुत ज्यादा अच्छे होते है,लेकिन ऐसा नहीं है. 

    लेकिन आप एप्पल के IPHONE को इन तरीके से अच्छा कह सकते है क्योंकि एप्पल के फ़ोन में सभी जो FEATURE हमें देखने को मिलते है,वो लाजवाब होते है,लेकिन इसका ये मतलब नहीं होता है की IPHONE जो है वो ANDROID से अच्छा है. 
    दोनों भी जो OS है वो अपनी जगह पर अच्छे है,एंड्राइड एक ओपन SOURCE OS है लेकिन IOS में हम किसी भी प्रकार के काम को आसानी से नहीं कर सकते जिस प्रकार से एंड्राइड फ़ोन में किया जाता है. 

    दूसरी तरफ APPLE के PRIVACY फीचर को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है,लेकिन एंड्राइड OPEN SOURCE OS होने की वजह से हमें एंड्राइड में IOS के मुकाबले कम PRIVACY मिलती है. 
     
    लेकिन इस्तेमाल करने के लिए आसानी और SELF-CONTROL के लिए एंड्राइड ये IOS से कई गुना ज्यादा अच्छा होता है. 

    3. SIRI IS BETTER THAN GOOGLE ASSISTANT 

    ये भी APPLE और एंड्राइड दोनों फ़ोन में जो फीचर मिलता है उस फीचर का ही है.

    आप लोगों को तो,पता ही होगा की एप्पल का SIRI और GOOGLE का GOOGLE ASSISTANT आज के दिन इन दोनों AI फीचर्स को लोग बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने लगे है,वैसे में बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता होगा की इन दोनों AI में सबसे अच्छा कोनसा है तो वो एप्पल का SIRI ही है ऐसा बहुत लोगों को लगता होगा. 

    लेकिन ऐसा सोचने वाले गलत है क्योंकि आप ही सोचिये,दुनिया की ज्यादा जानकारी GOOGLE के पास है या एप्पल के पास तो जिस कंपनी के पास जितनी ज्यादा जानकारी उतनी जादा जानकारी हमें उस AI पर मिल जाएगी.  

    तो ऐसे में अगर आप कहेंगे की जानकारी के मामले में कोनसा AI अच्छा है तो,APPLE का SIRI एंड्राइड के GOOGLE ASSISTANT को इस फीचर में तो टक्कर नहीं दे सकता है. 

    लेकिन अगर आप OPTIMISATION और अच्छी सर्विस के बारे में कहे तो वो फीचर आपको SIRI में GOOGLE ASSISTANT से बेहतर मिलेगी. 

    अब आपको ही सोचना है की,आपको ज्यादा जानकारी वाला फीचर चाहिए या अच्छा OPTIMISE किया हुआ. 

    4. MORE RAM = BETTER PERFORMANCE 

    आप लोगों में से जो नया फ़ोन लेने जाते होंगे,तब हम सबसे ज्यादा उस फ़ोन के RAM (RANDOM- ACCESS MEMORY) पर ही ज्यादा तर लोगों की नजर होती है,लेकिन हमारे फ़ोन को RAM का सिर्फ यही उपयोग होता है की,हमारे फ़ोन के स्टोरेज को सेव करके रखे. 

    लेकिन अपनी फ़ोन का सारा काम प्रोसेसर पर चलता है,जितना अच्छा प्रोसेसर उतना अच्छा हमारा फ़ोन चलेगा और हमें अच्छे प्रोसेसर का महत्त्व भी पता चल जायेगा. 

    हमारे फ़ोन में जो किसी भी प्रकार की प्रोसेसिंग या कोई भी काम होता है तो सभी एक्टिविटी हमारे फ़ोन के प्रोसेसर पर कहते है.

    आप देख सकते है गेम की बात की जाये तो, एक फ़ोन 3 GB वाला है लेकिन उसमे प्रोसेसर अच्छा वाला है,लेकिन 6GB वाला फ़ोन अगर आपके पास रहेगा और उसमे प्रोसेसर अच्छा नहीं रहेगा तो हमें अच्छे तरीके से परफॉर्म नहीं कर सकता है वो फ़ोन. 

    लेकिन ऐसा नहीं है,की हमारे फ़ोन में RAM का उपयोग नहीं है,क्योंकि कोई भी फाइल कोई भी APP अगर हमारे फ़ोन में INSTALL की जाये तो उसकी सभी फाइल्स और APPS की जानकारी हमारे फ़ोन में स्टोर होती है,ऐसेमे अगर आपकी स्टोरेज जितनी अच्छी होगी उतना कम हमारे प्रोसेसर पर कम जोर पड़ेगा और हमारे एक्टिविटी को थोड़ा बूस्ट मिल सकता है. 

    लेकिन अगर कोई नया फ़ोन लेने जाये तो,हमें उसके CAMERA,DESIGN और RAM जैसे बाकि फीचर देखने से पहले हमें उस फ़ोन का प्रोसेसर कितना अच्छा है,उसपर ज्यादा देखना होगा. 

    5. UPDATE = FASTER DEVICE 

    हमारे स्मार्टफोन या किसी भी डिवाइस के लिए UPDATE बहुत बड़ा काम करता है,अपडेट करने से हमारे फ़ोन को जो नए फीचर कंपनी के द्वारा मिलते है,वो सभी फीचर हम इस्तमाल कर सकते है.

    जब भी हमारे डिवाइस या किसी भी APP का अपडेट अत है, तो हमें अपडेट जरूर करना चाहिए क्योंकि ये हमारे प्राइवेसी और हमारी जानकारी के लिए बहुत अच्छा होता है. 

    वो कैसे,अगर कोई भी खतरनाक हैकर्स हमारे डिवाइस को हैक करने की सोच ले और समाज लो उसने पूरी PROGRAMING कर ले लेकिन अगर किसी भी डिवाइस या APPS में अपडेट आने की वजह से उस DEVICE या APPS के CODING में थोड़ा बहुत बदल दिया जाता है,लेकिन अगर अपडेट करते हो तो हैकर्स ने PROGRAMING की हुए जो भी CODING होती है,वो CRACK करने करने की क्षमता उसके कोडन में होती है. 

    ऐसे में आप डिवाइस को अपडेट करते है तो उस हैकर्स को वो प्रोग्राम अलग से डिसीजन बनाना पड़ेगा,और अगर बहुत दिन बिना अपडेट किये कोई भी डिवाइस चलता है तो उसके बहुत ज्यादा हैक होने के CHANCES होते है,इसी वजह से हम देख सकते है,की महीना या दो महीनो में हमारे फ़ोन में अपडेट आता रहता है. 

    अब बात करते है,अपडेट करने से हमारा डिवाइस या हमारा APPS अच्छा परफॉर्म करेगा,तो ऐसा सोचने वाले लोग गलत है क्योंकि जैसा मैंने अभी बताया,कोई डिवाइस अपडेट करते वक्त उसमे नए फीचर्स या कोई और चीज़ इस्तेमाल की जाती है,तो ऐसे में उस के लिए जो कोडन करनी पड़ती है,उसमे ज्यादा बढ़ जाती है.

    अगर CODING बढ़ गयी तो अपने आप वो डिवाइस थोड़ा बहुत तो SLOW  होता है,लेकिन आप लोगों को ऐसा महसूस नहीं होगा लेकिन ऐसा ही होता है. 

    6. CHARGING WITH POWER BANK IS NOT GOOD 

    चार्जिंग के मामलों में बहुत लोगों के ही MYTH होते है,तो ये भी एक ऐसा ही MYTH है.आप में से बहुत लोगों को लगता होगा की हमारे फ़ोन को पावर बैंक से चार्जिंग करने से हमारी बैटरी ख़राब हो सकती है,तो ऐसा नहीं है. 
    आप में से बहुत सारे लोग और खास करके जिनको घूमना ज्यादा पसंद होता है वो लोग हमारे बैटरी के बैकअप के लिए पावर बैंक का इस्तेमाल जरूर करते होंगे. 

    पावर बैंक से चार्जिंग करना हमारे फ़ोन के लिए किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं होता है,क्योंकि जो भी पावर बैंक या कोई भी बैटरी स्टोरेज में आज के दिन LI-ION वाले MATERIAL की ही बैटरी इस्तेमाल की जाती है,और पावर बैंक में बहुत ज्यादा स्टोरेज करने की काबिलियत होती है,लेकिन LI-ION बैटरी से किसी भी बैटरी में पावर भेज दी जाती है तो उसपे किसी भी प्रकार का कोई भी प्रॉब्लम नहीं होता है. 

    7. UNINSTALL APP AND BOOST DEVICE 

    अगर आप लोगों को किसी भी APP की जरुरत होती है,तो आप उस APP को डाउनलोड करते हो,और जब उसका काम ख़तम हो या हमारे फ़ोन को BOOST चाहिए तो हम उन APPS को डिलीट करके हमारा फ़ोन बूस्ट कर सकते ऐसा बहुत लोगों को लगता है लेकिन वो लोग गलत है. 
    अपने फ़ोन को CLOUD STORAGE से आप अच्छी  तरह से अपने फ़ोन के डाटा को CLEAN कर सकते है,लेकिन आपको अगर किसी भी APP की अपने फ़ोन में जरुरत नहीं होंगी,तो आप वो APPS UNINSTALL जरूर करिये.  

    लेकिन यहाँ पर आपको एक टिप देना चाहता हूँ की,अगर आपको कोई भी APP UNINSTALL करनी है,तो उस APP को DIRECT UNINSTALL नहीं करनी है.

    पहले उस APP का पूरा डेटा और जो सभी प्रकार के फाइल्स जो थे,वो सभी के साथ उस APP के CACHES डिलीट करने के बाद ही आप उस APP को UNINSTALL करिये. 

    लेकिन कई लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है तो वो लोग,सिर्फ APP को UNINSTALL करते है,UNINSTALLकरने से सिर्फ वाली स्टोरेज फ्री हो जाएगी,जितनी उस ऍप की साइज है.

    लेकिन आप उस ऍप का इस्तेमाल जब करते है,तो सभी प्रकार की जो एक्टिविटी होती है वो उस ऍप को मदद करने वाले फाइल्स के द्बारा किये जाते है जो की हमारे फ़ोन में AUTOMATIC सेव हो जाते है. 

    जब आप को उस ऍप की जरुरत नहीं होगी तो उन फाइल्स की जरुरत भी क्यों होगी,तो आप उन फाइल्स को भी जरूर डिलीट करिये. 

    8. FREE WI-FI IS SAFE 

    भारत में इंटरनेट बाकि देशो के मुकाबले सबसे सस्ता है,इसी लिए हमें इंटरनेट की कमी कही भी नहीं पड़ती है लेकिन हमें बहुत जगह अभी भी ऐसा देखने ो मिलता है  की बहुत सारे लोग एक ही जगह पर हमें मोबाइल इस्तेमाल करते हुए दीखते है.

    वो लोग वहां पर इस लिए खड़े होते है क्योंकि,वह पर फ्री का INTERNET उपलब्ध होता है,ुसु इंटरनेट को इस्तेमाल करने के लिए लोग वह पर होते है. 

    ऐसे में लोग ऐसा सोचते है की वो जो पासवर्ड फ्री WI-FI नेटवर्क जो होता है,वो हमारे पर्सनल WI-FI तरह ही होगा,जो की अच्छे स्पीड पर भी चलता है लेकिन जो लोग ऐसा सोचते है की,वो इंटरनेट हमारे लिए सुरक्षित है तो आप लोग गलत है. 

    कई सारे रिसर्च में ये बात सामने आयी है की,जो भी फ्री WI-FI PROVIDER होते है वो लोग अपने नेटवर्क को जो लोग इस्तेमाल करते है,उनका कई डेटा ले लेते है,तो आप लोगों को तो पता ही होगा की,USERS के डेटा का क्या इस्तेमाल होता है और सोशल मीडिया और फ्री इंटरनेट PROVIDER उस डेटा को किस प्रकार से इस्तेमाल करते है. 

    आप लोगों को थोड़ा बता देता हूँ,जो भी आप उस इंटरनेट का इस्तेमाल करके अपने फ़ोन में किसी भी प्रकार कि एक्टिविटी करते है तो उस इंटरनेट का मालिक आप पे नजर रख सकता है,और अगर आप किसी भी प्रकार से PERSONAL काम अपने फ़ोन में कर रहे है तो आपको सबसे पहले वो PROVIDER देख सकता है. 

    अगर आपको कभी भी इंटरनेट की जरुरत पड़े तो भूल कर भी फ्री WI-FI प्रोवाइडर का इंटरनेट इस्तेमाल न करिये,आपके फ़ोन का जो इंटरनेट होता है उस इंटरनेट से ज्यादा सेफ कोई भी इंटरनेट नहीं होता है,आप लोगों को वो थोड़ा स्लो देखने को मिल सकता है लेकिन आपके प्राइवेसी को धोका हो ऐसा कभी भी कोई भी कदम हमें नहीं उठाना चाहिए.  

    9. INCOGNITO MODE IS SAFE 

    आज के दिन सभी ब्राउज़र में हमें सेफ मोड या INCOGNITO MODE देखने को मिलता है और ये मुद्दे को बहुत सारे लोग इस्तेमाल भी करते है.लेकिन आप में से कई लोगों को ये लगता होगा की,जो सेफ मोड या INCOGNITO मोड होता है वो हमारे प्राइवेसी को पूरी तरीके से MENTAIN करता है,तो ऐसा सोचने वाले लोग गलत है.

    पहले तो हमें पता होना चाहिए की ये सेफ मोड क्यों बनाया गया,हम क्रोम ब्राउज़र की बात करते है, क्रोम में 2008 में इस फीचर को लोगों के सामने पेश किया था,लेकिन इस फीचर इतना ज्यादा कुछ इस्तेमाल नहीं होता था,इस फीचर सिर्फ इस वजह से लाया गया था की,USERS के द्वारा जो भी एक्टिविटी की गयी है उस को HISTORY में सवा न हो इसी वजह से इस फीचर का इस्तेमाल लोगों के द्वारा किया जाता है. 

    इसके आलावा INCOGNITO मोड का इस्तेमाल करके आप कोई भी वेबसाइट सर्च करते है तो उस वेबसाइट की कुकी (आप किस प्रकार का कंटेंट देख रहे है) को भी ज्यादा तर मामलों में  INCOGNITO मोड ब्लॉक कर सकता है लेकिन ये इतना कुछ हमारे लिए जरुरी नहीं होता है. 

    अगर आप लोगों को इंटरनेट पर सुरक्षित रहना है तो आपको अच्छा VPN,या फिर आपको SERCHING कंटेंट को न देखने वाले ब्राउज़र जैस की,DUCKDUCKGO इन जैसे प्राइवेसी रखने वाले ब्राउज़र का इस्तेमाल जरूर करन चाहिए.  

    उम्मीद करता हु आपको ये कंटेंट पसंद आया होगा,मुझे कमेंट में जरूर बताना ये पोस्ट आपको कैसा लगा और ऐसे ही कंटेंट को फॉलो करने के लिए मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करिये. 

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