दुनिया के इतिहास में सबसे अच्छे और खतरनाक योद्धा कोनसे थे?

दोस्तों,आज के दिन में राजशाही और गुलामशाही पूरी दुनिया में लगभग ख़तम हो चुकी है.दुनिया के इतिहास में कई लड़ाईयाँ लड़ी गयी,उसमें कोई कई बार किसी साम्राज्य को जीत मिली तो कई बार हार हार मिलती थी, पहले के जमाने में युद्ध होना एक आम बात थी लेकिन आज के दिन यह लड़ाईयाँ आम नहीं है. उस ज़माने में लड़ाई होने के बाद के दृश्य केखके आप को पता चलता की उस जगह पर लड़ाईया हो गयी है. लेकिन आज के दिन जब बड़े देशो में लड़ाई होती है तो,उस जगह पर देखने के लिए ऐसा कुछ होता ही नहीं क्योंकि आज की सायन्स इतनी आगे चली गयी है की थोड़े से किलो के एक बम से एक पूरा साम्राज्य तबाह हो सकता है.

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  वैसे तो कई सालों तक दुनिया में किसी भी प्रकार की लड़ाई नहीं हुई है, लेकिन आपको पता होगा कई साल पहले जापान के हिरोशिमा और नागासाकी इस बड़े शहरों पे अमेरिका ने न्यूक्लियर बम से वार किया था यह लड़ाई इतनी खतरनाक थी कि उसमें पूरे शहर नष्ट हो गए और आज तक उस जगह पर किसी भी प्रकार के पेड़ नहीं उगते और आज तक उस शहर में पैदा होने वाले बच्चे अपाहिज ही पैदा होने की मात्रा ज्यादा है. ये विज्ञान का युग है इसलिए लड़ाई में कुछ ही समय में वहां के पूरे इलाके को नष्ट किया जा सकता है. 

   इतिहास की लड़ाईया हत्यारों से और ताकत से की जाती थी, लेकिन आप अंदाजा लगा सकते हो की आज के वक्त किसी भी देश का-किसी भी देश के साथ युद्ध होगा तो यह युद्ध ताकत से नहीं तो साइंस का इस्तेमाल करते हुए किया जाएगा और इस लड़ाई में पहले की तरह लोग जख्मी नहीं होंगे तो वो इलाका ऐसा लगेगा की कोई नैसर्गिक अप्पति आ गयी हो. 

    ये तो बात हो गयी की आज के लड़ाई में और बरसो पहले के लड़ाई में क्या अंतर है. 

  लेकिन आपको में आगे ऐसे कुछ लोगों के बारे में बताऊँगा,जो दुनिया के इतिहास में एक महान योद्धा होकर गए जिनको महान उस वक्त भी कहलाते थे और आज भी कहलाते है. उसमे इतिहास के कई साम्राज्य के राजा थे तो कई छोटे से साम्राज्य के सिर्फ एक सिफाई थे उन्होंने अपने और अपने सेना के बल पर कई बड़े युद्ध जितवा लिए थे. 

   असली राजा वो नहीं होता जो अपने सिपाई यों को ही कुर्बान करने के लिए युद्ध में सबसे आगे करता हो, असली राजा वो होता है जो सभी सिफ़ाइयों का प्रतिनिधित्व करके अपने जित के लिए सैनिकों से ज्यादा मेहनत करे. 

    आगे हम ऐसेही दुनिया के इतिहास के 15 सबसे अच्छे और खतरनाक योद्धाओं के बारे में बताऊँगा जिनको आप जानते तक नहीं होंगे.  

   क्या आप उन योद्धाओं को जानने के लिए बेताब है?         (इस पोस्ट में लिखी गयी सभी जानकारी इतिहास पे आधारित है.) 

    1. HANNIBLE BARCA

          इनका जन्म उत्तरी अफ्रीका  के कार्थेज में हुआ था जिसको हम लोग आज के दिन उस जगह को क्यूनेशिए के नाम से जानते है. HANNIBLE इस योद्धा को इतिहास का सबसे महान आर्मी जर्नल भी कहा जाता है,मतलब उनकेअधिपात्ते में बहुत बड़ी सेना कार्यरत थी, HANNIBLE BARCA ने रोम देश पर कब्ज़ा ज़माने के लिए इसने हाथींयों की एक बड़ी सेना बनायीं थी जो उस ज़माने के सबसे ज्यादा हाथीयों की सेना मानी जाती है.
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       दूसरा PYUNIK युद्ध HANNIBLE BARCA के द्वारा ही शुरू किआ गया था,और पहला प्यूनिक युद्ध इनके पिता के द्वारा ही लढा गया था,जिसमे उनके पिता की रोम साम्राज्य द्वारा हार हो गयी थी.इसी वजह से  HANNIBLE BARCA रोम साम्राज्य को अपना दुश्मन मानते थे,और जभी भी रोम पर हमला करने के लिए किसी और साम्राज्य ने HANNIBLE BARCA के साथ मदद का हाथ बढ़ाया होता तो वो उनके साथ भी मिल जाते,लेकिन उस वक्त रोम का साम्राज्य बहुत बड़ा था इस वजह से उन्हें कई बार रोम को हरा ने में जित नहीं पायी.

       HANNIBLE BARCA ने अपने पिता से एक वादा किआ था की वो मरते दम तक रोम साम्राज्य का दुश्मन रहेगा. एक बार वो रोम साम्राज्य पर हमला करने के लिए निकले हुए थे, उस वक्त उनके साथ बहुत बड़ी मात्रा में हाथियों की सेना,लाखो सिपाई थे. HANNIBLE की सेना ने अल्प्स के पहाड़ो को पार करके रोम साम्राज्य पर आक्रमण किआ था. इस सफर में HANNIBLE ने अपने एक आंख को भी खो दिया था,और उसी समय एक बडे  पर्वत को शराब के सहारे आग लगावाके अपने लिए रास्ता आसान बनाया था. 

         HANNIBLE BARCA ने रोम के साथ कई लढाईया लड़ी लेकिन उसमे से सबसे प्रसिद्द लड़ाई का नाम था KAINI. उस लड़ाई में इन्होने ये दिखाया था की क्यों उनको दुनिया के सबसे अच्छे योद्धाओं में से एक मना जाता है.उनकी सेना ने इनके साथ मिलके रोम के लगभग 60 हजार के सेना को हरा दिया था और बदले में उनके सिर्फ 4हजार सिफाई ही मारे गए थे.  

         उसके बाद कुछ कारन की वजह से इस महान युद्धा ने जहर पीके अपनी जान दे दी थी.

    2. LEONIDAS OF SPARTA  

     अगर आपको इस योद्धा के बारे में पूरा जानना है तो आप 3000 इस फिल्म को देखके जान सकते हो. 

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      ये योध्दा ग्रीस देश का शहर SPARTA का  था, LEONIDAS अपने पिता का सबसे छोटा बेटा था,उस वक्त का उनका नियम  था की उनके राजा के छोटे बेटे को राज्य के बाकि नागरिको की तरह ही बर्ताव दिया जाता था. इस लिए उनको पूरी दुनिया को अपनी जगह दिखने के लिए कठिन परिश्रम करके युद्ध के सारे नियम और चाल सीखने पड़े थे. जब तक उनके भाई जीवित थे तब तक उसने अपना फ़र्ज़ अच्छे से निभाया लेकिन अपने भाई के गुजर जाने के बाद इनके हाथ में सत्ता आ गयी थी. 

       दुनिया के इतिहास का सबसे हिंसक युद्ध इनके और पारस राज्य के द्वारा लढा गया था, इस युद्ध में LEONIDAS अपने सिर्फ ३०० सैनिकों को लेकर ही युद्ध के मैदान में पैर रखा था. इस युद्ध में LEONIDAS के सेना ने पारस राज्य के बड़े सेना को बहुत नुकसान पहुँचाया. उसी लड़ाई में उनके ही एक साथी ने दुश्मनो से हाथ मिला लिया था,इस वजह से उनकी सेना दुर्बल हो गयी उस वक्त LEONIDAS के पास अपनी जान बचके भागने का मौका था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किआ वो अपने आखरी दम तक अपने दुश्मनो से लड़ते हुए शहीद हो गए.

       आज के दिन में भी LEONIDAS राजा पूरी ग्रीस के लोगों और युवावो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके है. 

    3. GENGHIS KHAN

        ये मंगोल देश का शाशक था. ये योद्धा भी दुनिया के सबसे क्रन्तिकारी योध्दाओ में से एक था. इसने मंगोल के खानपदेशों को साथ में लेके मध्य एशिया और चीन के आधे से ज्यादा इलाके को अपने कब्जे में किआ था.  बहुत से रिपोर्ट ये  कहते है की, एशिया के लगभग 8 % लोग और पूरी दुनिया के लगभग 0.5% लोग GENGHIS KHAN के ही वंशज है.क्योंकि GENGHIS KHAN का मानना था की आदमी की सही ताकद उसके पीछे छोड़े हुए संतान से की जाती है. 

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       ऐसा भी कहा जाता है की दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह JOSEPH STALIN और HITLAR ने  मिलके जितने लोगों को नहीं मारा था उतने लोगों को तो सिर्फ GENGHIS KHAN ने ही मार डाला था. 

        GENGHIS KHAN एक अच्छा अर्न नीतिकार था, जब भी उसको किसी राज्य को जितना होता तो पहले वो उस राज्य के एकता में फुट बनता था और जिस वक्त दुश्मनो की सेना कमजोर होती उस वक्त वो उनके साम्राज्य पे हम ला करके उनका साम्राज्य जित लेता. एक बार पारस के राजा ने GENGHIS KHAN के एक दूत का सर काट लिया था,इस बात पे GENGHIS KHAN को बहुत गुस्सा आया तब उसने पारस के राज्य पर हमला कर लिए और उनका साम्राज्य जितने के बाद उनके लगभग 90 % जनता के सर काट दिए थे.   

       GENGHIS KHAN के मौत के बारे में बहुत से कहानिया है,उसमे कुछ लोग कहते है की यह न्युमोनिआ से मर गया तो कुछ लोग कहते है की वो चीनीओं के साथ एक लड़ाई में मारा गया. आज के दिन में भी GENGHIS KHAN मंगोल में बहुत प्रसिद्द है और उनके नोटों पर GENGHIS KHAN की ही तस्वीरें आपको देखने  जाएगी.

    4. SAMRAT ASHOK

          सम्राट अशोक को महान अशोक भी कहा जाता है. भारत के इस महान राजा और CHANDRAGUPT MAURYA के पोते ने लगभग भारत को अपना साम्राज्य बनाया था. उनके साम्राज्य के राजधानी बिहार राज्य के पाटलिपुत्र थी.

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       वो जब से अपने साम्राज्य के बादशाह बने थे तबसे उन्होने लगभग 8 सालो तक अपना साम्राज्य बढ़ाते रहे.इन 8 सालो में सम्राट अशोक ने अपने साम्राज्य को पुरे भारत के साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बड़े इलाके में फैला दिया था. दुनिया के सबसे बुद्धिमान और क्रन्तिकारी राजाओं में सम्राट अशोक का नाम जरूर आता है. 

       सम्राट अशोक एक महत्वकांक्षी राजा भी थे,उनके पूर्वज ने जो लड़ाई कई बार हरी थी ,उस लड़ाई को सम्राट अशोक ने कुछ ही सालो में जित लिया था. ये लड़ाई दुनिया के सबसे भयंकर लड़ाई में से एक है क्योंकि उस लड़ाई में लगभग 1 लाख से भी ज्यादा के सिपाई को अपने मौत से हाथ दोना पड़ा. इस बात से सम्राट अशोक इतना दुखी हुआ की उसने कसम ली थी की आगे जिंदगी में कभी भी लड़ाई नहीं करेगा,और अहिंसा का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया.  

      उसी वक्त बौद्ध धर्म का प्रसार चल रहा था,बौद्ध धर्म से सम्राट अशोक इतना प्रेरित हुआ की उसने खुद के साथ अपने कई सिफ़ाइयों को भी उसने बौद्ध धर्म अपनाने के लिए कहा था. खुद ये धर्म अपनाने के बाद उसने उस धर्म का और प्रसार करने के लिए कई बौद्ध साधुओंको उस ने कई देशो में भेज दिया था. 

         सम्राट अशोक के द्वारा बनवाये गए अशोक स्तंभ को भारत देश के एक निशनी के तौर पर देखा जाता है. उस स्तंभ को 1950 से भारत राष्ट्र के राष्ट्रिय चिन्ह के रूप में अपनाया गया था. 

    5. ALEXANDER THE GREAT

         इस बड़े योद्धा ने अपने शौर्य का प्रराक्रम करते हुए,उसने पूरी दुनिया पर अपना साम्राज्य निर्माण किआ था.ये दुनिया के सबसे महँ योद्धा में से एक था. ALEXANDER THE GREAT जब 20 साल के हुए तभी उनके पिता के मृत्यु के बाद इन्होने अपने साम्राज्य को सँभालने का जिम्मा संभाला.  

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        एलेक्जैंडर ने अपने जीवन का ज्यादातर समय युद्ध करके गुजारा हुआ था, सिकंदर ने अपने युग में ज्यादातर लड़ाइयां जीती थी इस वजह से उसका उस समय के सबसे बड़े साम्राज्य में इसके साम्राज्य को उचित स्थान प्राप्त था.कहां जाता है कि सिकंदर ने अपने जीवन में जितनी भी लड़ाई लड़ी थी उसमें से उसने एक भी लड़ाई नहीं हारी है.

       सिकंदर एक अच्छा योद्धा और एक अच्छा राजा होने के साथ-साथ एक अच्छा आयोजक भी था इसलिए उसने अपने साम्राज्य को इतना बड़ा कर सका आज के दिन भी सिकंदर के अपनाए हुए रास्तों को कई देशों के आर्मी यों को सिखाया जाता है.

        सिकंदर की एक आदत है कि वह किसी भी प्रदेश को जीता उस प्रदेश का नाम बदलकर अपने नाम के जैसे रख देता था. कई इतिहास के पन्नों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि इन के नाम पर इतिहास में लगभग 70 से ज्यादा शहरों का नाम रखा गया था.

      इतिहास में ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है कि सिकंदर के मौत की छानबीन कर सकें लेकिन कई इतिहासकारों का मानना है कि सिकंदर का देहांत उसकी उम्र के 32 साल में मलेरिया की वजह से हुआ था.

    6.HARI SINGH NALWA

       हरि सिंह नलवा का जन्म पंजाब राज्य में 1762 में हुआ था. इनका जन्म एक वीर के परिवार में हुआ था इसलिए उनके दिमाग में पहले से ही वीरता छुपी हुई थी. जो आगे चलकर पूरी दुनिया ने देख ली. इनके जो दादाजी थे वो अहमदशाह अब्दाली से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.
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        जब ये पैदा हुए थे उस वक्त वहां के सम्राट थे राजा रणजीत सिंह. कई सालों बाद लगभग 1804 में जब राजा रणजीत सिंह ने सेना की भर्ती निकाली थी उस वक्त हरि सिंह नवला ने भी उस में हिस्सा ले लिया था हरि सिंह नलवा की कामगिरी को देखकर राजा रणजीत सिंह ने उन्हें अपने सेना में भर्ती करवा दिया और अपने सेना की एक टुकड़ी का मुख्य भी बना दिया था.

       एक बार वह अपने छोटे से टुकड़ी के साथ जंगल से गुजर रहे थे उसे वक्त उनके घोड़े पर शेर ने हमला कर दिया था, उस हमले में उनकी घोड़े की मृत्यु हो गई थी. हरि सिंह को अपना घोड़ा इतना प्रिय था कि अपने घोड़े का बदला लेने के लिए वह अकेले ही शेर से लड़ गए अपने तलवार के सहारे उन्होंने शेर से लड़ते हुए शेर को मौत के घाट उतार दिया था. उनकी उस पराक्रम को देखते हुए राजा रणजीत सिंह इन्होंने उनको नलवा (शेर के जैसे लड़ने वाला) की पदवी दे दी थी.

       हरि सिंह ये राजा रणजीत सिंह के साम्राज्य के सेना के सेनापति थे सेनापति के पद पर रहते हुए उन्होंने बहुत सारे प्रदेश जीत लिये थे. उन्होंने अपने सेना के मुकाबले बड़ी-बड़ी सेनाओं को भी हराया था इस वजह से इनका नाम पूरी दुनिया में हो गया था.

      1837 के वक्त जब राजा रणजीत सिंह के पोते की शादी थोड़ी थी उस वक्त उनके गढ़ से बहुत सिपाई शादी में चले गए थे. दुश्मन ने इसे समय का फायदा लेते हुए उनके किले पर आक्रमण किया दुश्मनों की बड़ी सेना और इनके छोटी सी टुकड़ी होने के वजह से हरि सिंह और उनके सिपाही जख्मी हो गए थे उसमें हरिसिंह सबसे ज्यादा जख्मी हो गए थे पर उन्होंने मरने से पहले अपने बचे हुए सपाइयों को  कहा कि मेरे मरने की खबर बाहर नहीं जानी चाहिए, ऐसा उन्होंने इस वजह से कहा था कि इनका खौफ इतना था कि दुश्मनों को पता नहीं था कि हरिसिंह मर गए हैं इसलिए उन्होंने लगभग 7 दिन तक गढ़ के ऊपर नहीं आए थे.

       7 दिन बाद सिख सैनिक वापस आने की वजह से दुश्मनों को वहां से भाग निकलना पड़ा लेकिन उस लड़ाई में हरि सिंह नवल को अपनी जान गवानी पड़ी.

    इन सभी में आपको सबसे अच्छा और पराक्रमी योद्धा कोण लगा मुझे यह पे COMMENT कर सकते हो.

    अगर मुझसे कुछ पूछना या मुझसे बात करना चाहते हो तो बिना हिचकिचाए मुझे INSTAGRAM पे DM कर सकते हो आपको रिप्ले जरूर मिल जायेगा.

    धन्यवाद! 

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